शिंदे-फडणवीस में बढ़ी दरार? संजय राउत के दावे से गरमाई राजनीति

Maharashtra Politics:


 Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर भूचाल आ गया है। शिवसेना (शिंदे गुट) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के रिश्तों को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता संजय राउत ने अपने लेख में दावा किया है कि पुणे में एकनाथ शिंदे और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मुलाकात हुई थी। इस मुलाकात में शाह ने शिंदे को अपनी पार्टी को बीजेपी में शामिल करने का सुझाव दिया

राउत के इस दावे के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में बवाल मच गया है। एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस दोनों ने इस पर प्रतिक्रिया दी है, लेकिन उनके बयानों में भी सियासी तंज देखने को मिला।

एकनाथ शिंदे का पलटवार: "राउत को है दिव्यदृष्टि"

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने संजय राउत के दावों पर चुटकी लेते हुए कहा कि उनकी अमित शाह से कोई मुलाकात नहीं हुई है। शिंदे ने राउत पर तंज कसते हुए कहा,

"संजय राउत को दिव्यदृष्टि मिली हुई है, जो उन्हें ऐसी चीजें दिखा रही हैं जो वास्तव में हुई ही नहीं हैं।"

हालांकि, शिंदे ने यह जरूर कहा कि अमित शाह NDA और महायुति के नेता हैं और वे किसी से भी मिल सकते हैं। लेकिन राउत के दावे पूरी तरह से गलत हैं।

देवेंद्र फडणवीस का तंज: "सलीम-जावेद की जोड़ी बन चुके हैं"

डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने भी संजय राउत के लेख पर मजाकिया अंदाज में प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा,

"राउत अब सलीम-जावेद की जोड़ी की तरह हो गए हैं, जो कहानी गढ़ने में माहिर हैं।"

फडणवीस का यह बयान साफ इशारा करता है कि वे राउत के लेख को फिल्मी स्क्रिप्ट से ज्यादा कुछ नहीं मानते। लेकिन राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि शिंदे और फडणवीस के रिश्तों में दरार बढ़ने लगी है और यही कारण है कि इस तरह के दावे किए जा रहे हैं।

क्या लिखा था संजय राउत ने?

संजय राउत ने 2 मार्च को 'सामना' में एक लेख प्रकाशित किया, जिसमें उन्होंने बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता के हवाले से दावा किया कि पुणे में अमित शाह और एकनाथ शिंदे की गुप्त मुलाकात हुई थी। इस बैठक में:

  • शिंदे ने अमित शाह से कहा कि उन्हें खत्म किया जा रहा है और उनके समर्थकों पर दबाव बनाया जा रहा है।
  • अमित शाह ने उन्हें समझाने की कोशिश की और कहा कि वे फडणवीस से बात करेंगे।
  • जब शाह ने पूछा कि शिंदे को क्या चाहिए, तो उन्होंने दोबारा मुख्यमंत्री बनने की मांग रखी।
  • शाह ने यह मांग ठुकरा दी और सुझाव दिया कि शिंदे की पार्टी शिवसेना को बीजेपी में मिला दिया जाए।

राउत के इस दावे के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में खलबली मच गई है

क्या बीजेपी में शामिल होंगे शिंदे?

राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि क्या एकनाथ शिंदे की पार्टी शिवसेना (शिंदे गुट) बीजेपी में विलय कर लेगी?

  • अगर ऐसा होता है तो फडणवीस के लिए सीएम बनने का रास्ता साफ हो सकता है
  • लेकिन शिंदे के लिए यह राजनीतिक आत्महत्या जैसा होगा, क्योंकि वे बगावत कर खुद सीएम बने थे।
  • बीजेपी के लिए भी यह आसान फैसला नहीं होगा, क्योंकि महाराष्ट्र की राजनीति में यह एक बड़ा मोड़ ला सकता है।

फिलहाल, एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस दोनों ने इस मुद्दे को हल्के में लेने की कोशिश की है, लेकिन अंदरखाने कुछ बड़ा खेल चल रहा है, जिसे जनता जल्द ही देखेगी।

निष्कर्ष:

महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। एक तरफ संजय राउत अपने दावों पर अडिग हैं, तो दूसरी ओर एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस इन खबरों को अफवाह बता रहे हैं। लेकिन राजनीतिक समीक्षकों की मानें तो महायुति सरकार में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा। आने वाले दिनों में इस विवाद के और गहराने की संभावना है।

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